जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
O Lord! I beseech Your assist and search for your divine blessing at this really instant. Save and secure me. Damage my enemies using your Trishul. Release me within the torture of evil ideas.
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
The realized types observe the Trayodashi (thirteenth lunar day) quick, They meditate and execute the sacred hearth ceremony. They observe the Trayodashi quickly on a regular basis, In shiv chalisa in hindi order that their bodies keep on Shiv chaisa being free from afflictions.
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥